केंद्र सरकार की तमाम कोशिकाओं के बावजूद दलों की आसमान छूती कीमतें घटने का नाम नहीं ले रही है. 12 जनवरी 2024 को खुरदा महंगाई दर का जब आंकड़ा जारी किया गया उसके मुताबिक दिसंबर 2023 में दालों और उससे जुड़े प्रोडक्ट की महंगाई दर 20.73 फ़ीसदी दर्ज की गई. जबकि 1 साल पहले समान अवधि दिसंबर 2022 में दालों की महंगाई दर 3.15 फीस दी रही यानी 1 साल में दालों की महंगाई दर में 17.58 फ़ीसदी का उछाल आया है.
केवल खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में ही नहीं बल्कि वाणिज्य मंत्रालय ने दिसंबर 2023 के लिए होलसेल महंगाई की दर के जो आंकड़े सोमवार 15 जनवरी 2024 को जारी किए हैं उसमें भी डालो कि महंगाई का डर 19.60 फ़ीसदी रही है. जबकि दिसंबर 2022 में दालों की महंगाई दर 1.48 फीस दे रही है जाहिर है कि चाहे खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों की करें या फिर होलसेल महंगाई दर के आंकड़ों की दोनों में दालों की महंगाई दर में जोरदार उछाल बीते 1 वर्ष में आया है.
कीमतों पर निखिल कसने की कवायत
सरकार ने दलों की महंगाई पर लगाम लगाने के लिए हाल ही में कई फैसले लिए हैं. इसके बावजूद भी महंगाई आम लोगों की जेब पर डाका डाल रही .है दलों की आसमान छूती कीमतों से परेशान सरकार ने पिछले महीने दिसंबर 2023 में अरहर दाल और उड़द दाल की इंपोर्ट ड्यूटी फ्री आयत की अवधि को एक साल यानी 31 मार्च 2025 तक के लिए बड़े बढ़ाने का फैसला लिया था. सरकार ने मसूर की दाल के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट की अवधि को भी 1 साल के लिए पहले ही पढ़ चुकी है