महिला आरक्षण बिल महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम*

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मोदी सरकार द्वारा लाया गया बिल लोकसभा में बुधवार को नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंजूरी देने के बाद संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन गुरुवार को राज्यसभा में भी महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन विधेयक) सर्वसम्मति से पास हो गया है। अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह विधेयक कानून बन जाएगा। जिसमें संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है।

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नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। सामाजिक कार्यकर्त्ता चंदराम साहू ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार महिलाओं के विकास के लिए कार्य कर रही है उन्होंने बताया कि सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिलाओं के प्रवेश, महिलाओं को स्थायी कमीशन,

थल सेना के लिए महिलाओं को हेलीकाप्टर उड़ाने की अनुमति, अग्निवीर में महिलाओं की भर्ती, मुद्रा योजना की मदद से महिलाओं को नौकरी प्रदाता बनाना जैसे कई कदम मोदी सरकार के शासनकाल में उठाये गये हैं ऐसे ही विभिन्न योजनाओं के अलावा हर क्षेत्र में महिलाओं को नेतृत्व देने का काम किया है उसमें भी महिलाओं की भलाई है। महिला आरक्षण विधेयक लाना सरकार की मजबूरी नही है,

यह विधेयक तो देश की महिलाओं की मजबूती के लिये है। यह बिल महिलाओं को नई ऊर्जा देने वाली है, इससे महिलाएं राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए नेतृत्व के साथ आगे आएंगी। इससे महिलाएं राजनीतिक तौर पर सशक्त होंगी मातृशक्ति को और बल मिलेगा जिससे देश सशक्त, समृद्ध व समरस बनेगा।

इस दिन रहेंगी शराब दुकानें बंद

सपने सब साकार होंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्‍व करेगी, जन-गण-मन की शान बढ़ेगी।

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