रायपुर.छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश रुंगटा, प्रदेश महामंत्री प्रमोद अग्रवाल प्रदेश प्रवक्ता परमानंद जैन ने बताया कि महामहिम राज्यपाल से मुलाकात कर राइस मिल की समस्या, भारतीय खाद्य निगम द्वारा वर्ष 2021-22 में उसना चावल का नहीं लिया जाना आदि से उत्पन्न स्थिति की विस्तृत चर्चा की.
छत्तीसगढ़ का अधिकतर धान उसना क्वालिटी का होता है जबकि भारतीय खाद्य निगम पूरा चावल 61.65 लाख मैट्रिक टन अरवा लेने का आदेश जारी किया हैं
इससे उसना कि 500 राइस मिलें और हजारों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे जिससे शासन और बैंकों का भी करोड़ों रुपए की हानि होगी। और लाखों मे. टन धान खराब हो जाएगा।
अगर जबरदस्ती 105 लाख मिट्टी टन धान की अरवा मिलिंग कराई जाएगी तो भी सभी अरवा मिले भी दिवालिया हो जाएगी
यहां के धान अधिकतर उसना वैरायटी का होता है
प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश रुंगटा, प्रदेश महामंत्री अग्रवाल प्रदेश प्रवक्ता परमानंद जैन ने बताया कि प्रदेश के पूरे धान का अरवा चावल बनाना संभव ही नहीं है
भारतीय खादय निगम पिछले 50 वर्षों से उसना चावल ले रही है। अभी 26 लाख मैट्रिक टन उसना चावल उपार्जन का लक्ष्य भारतीय निगम का होना चाहिए
महामहिम राज्यपाल श्रीमती अनुसुइया उइके जी ने पूरी बात ध्यान पूर्वक सुनी और
भारतीय खाद्य निगम द्वारा 26 लाख मैट्रिक टन उसना चावल लेने के संबंध में, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं खाद्य मंत्री माननीय श्री पीयूष गोयल जी के समक्ष यह समश्या रखने की बात कही तथा समस्या के हल हेतु हर स्तर पर प्रयास करने का भरोसा दिलाया।
प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से कैलाश रुंगटा, प्रमोद अग्रवाल, परमानंद जैन, मोहन अग्रवाल रोशन चंद्राकर कुरूद ,श्रवण अग्रवाल आरंग, ललित अग्रवाल रायपुर, भोलाराम मित्तल बिलासपुर, मुरारी भूतड़ा दुर्ग, संजय दुआ बिलासपुर एवं विमल अग्रवाल बिल्हा से उपस्थित थे।