राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में श्री राम काव्य-पाठ प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता का भव्य आयोजन सम्पन्न

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रायपुर। प्रान्तीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय कवि संगम, योगेश अग्रवाल ने कार्यक्रम की जानकारी मीडिया को देते हुए बताया कि, श्री राम काव्य-पाठ प्रांतीय प्रतियोगिता का आयोजन बड़ी दर्शक-दीर्घा में, छत्तीसगढ़ के 26 जिलों के 110 प्रतियोगियों के एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें श्री राम जी के शील-सौंदर्य, पराक्रम, उदारता, परोपकार, सीख आदि विषयों पर रचनायें प्रस्तुत की गईं।

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इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री जगदीश मित्तल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय कवि संगम की गरिमामयी उपस्थिति रही, उन्होंने अपने वक्तव्य में श्री राम जी के अतुलनीय गुणों का बखान कर, कहा, कि प्रेरणा स्त्रोत के रूप में श्री राम हम सभी मे विद्यमान हैं। हमें अपने अंदर के राम को ढूंढने की ज़रूरत है। और उनकी सीखों को अमल में लाकर अपने जीवन को सहल और मर्यादित करने हेतु प्रयत्नशील रहने पर बल दिया। बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष महंत वेदप्रकाश जी, प्रान्त प्रमुख धर्माचार्य, विश्व हिन्दू परिषद, ने अपने वक्तव्य में कहा कि, श्री राम समूचे विश्व में त्याग, बलिदान, न्याय, नैतिकता इत्यादि मानवीय गुणों के एक असाधारण उदाहरण हैं, जो कि अनुकरणीय है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री भारती बंधु जी, सुप्रसिद्ध भजन और सूफ़ी गायक, ने अपने आशीर्वचन में कबीर और तुलसी के अनेक उद्धरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि, किस प्रकार साहित्य और भक्ति एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। साहित्य भक्ति की ओर ले जाता है, और भक्ति सहित्य की ओर। बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ. अशोक बत्रा जी, राष्ट्रीय महामंत्री, राष्ट्रीय कवि संगम, ने अपने उद्बोधन में बताया कि आगामी वर्ष में श्री राम वनगमन कार्यक्रम का आयोजन होना है, जिसमें श्री लंका से यात्रा शुरू होकर श्री राम जी के अमिट पदचिन्हों को शहर दर शहर प्रणाम करते हुए गंतव्य अयोध्या नगरी तक जाएगी। इस कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती मल्लिका रुद्रा होंगी, जिन्होंने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है। महेश शर्मा, राष्ट्रीय सह-महामंत्री ने अपने उद्बोधन में सभी 26 जिलों में सम्पन्न जिला स्तरीय प्रतियोगिता का रिपोर्ट साझा कर सभी संयोजकों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और उन्हें बधाई प्रेषित की।

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योगेश अग्रवाल, प्रांतीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय कवि संगम ने अपने वक्तव्य में कहा कि, देखिए श्री राम की महिमा, आज उन्हीं के दरबार में इतने सारे साहित्य साधक उपस्थित हैं, जो उन्हें शब्दांजलि देने को लालायित और उत्साहित हैं। उन्होंने आगे कहा कि, इस अनूठे और अलौकिक कार्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बन हम सभी धन्य हैं।

इस प्रतियोगिता में कोरबा निवासी घनश्याम श्रीवास ने प्रथम स्थान प्राप्त किया उन्हें पुरस्कार स्वरूप 5100 रु. की नगद राशि, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। रायपुर निवासी दिव्यांश झ ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया उन्हें पुरस्कार स्वरूप 3100 रु.की नगद राशि, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। तथा लक्ष्या सूर्या ने तृतीय स्थान प्राप्त किया उनको पुरस्कार के रूप में 2100 रु.की नगद राशि, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह, प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि विजेताओं को आगामी माह में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए भेजा जाएगा। प्रांतीय काव्य पाठ के साथ ही, श्री राम रक्षा स्त्रोत के वाचन-पाठन कार्यक्रम में 05 कलमकारों ने एवं श्री राम जी के शील-सौंदर्य और पराक्रम पर आधारित मौलिक कविता पाठ प्रतियोगिता में 12 रचनाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं।