दुखद खबर: नही रहे अंग्रेजों के जमाने के जेलर, दिग्गज अभिनेता असरानी का निधन

नई दिल्ली. दीवाली के दिन देश के लिए एक बेहद दुखद खबर आई है। हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और अपनी कॉमेडी से दर्शकों को हंसाने वाले असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे। 84 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने आज शाम करीब 4 बजे अस्पताल में अंतिम सांस ली।

रिपोर्ट्स के अनुसार, असरानी पिछले काफी समय से फेफड़ों से जुड़ी समस्या के कारण बीमार चल रहे थे। उन्हें पांच दिन पहले ही इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। आज दीवाली के त्यौहार पर उनके निधन की खबर से पूरे फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

1 जनवरी 1941 को जयपुर में जन्मे असरानी ने अपने अभिनय की शुरुआत 1967 में फिल्म ‘हरे कांच की चूड़ियां’ से की थी। हालांकि, उन्हें असली पहचान ‘शोले’ फिल्म में निभाए गए जेलर के किरदार से मिली, जिसका डायलॉग “हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं” आज भी लोगों की जुबान पर है। अपनी अनोखी कॉमिक टाइमिंग और यादगार किरदारों से उन्होंने दशकों तक दर्शकों का मनोरंजन किया।

असरानी के निधन पर बॉलीवुड की तमाम हस्तियों और उनके प्रशंसकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनका जाना भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

vicky Silas

विक्की साइलस – संपादक, छत्तीसगढ़ प्राइम टाइम विक्की साइलस पिछले 12 वर्षों से मीडिया क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने करीब 10 साल तक छत्तीसगढ़ के एक प्रमुख सांध्य दैनिक अखबार में पत्रकार के रूप में कार्य किया है। वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ प्राइम टाइम के संपादक हैं। वे सरल, तथ्य आधारित और जिम्मेदार पत्रकारिता में विश्वास रखते हैं। उनकी नेतृत्व में “छत्तीसगढ़ प्राइम टाइम” आम लोगों की आवाज़ को प्राथमिकता देने वाला भरोसेमंद डिजिटल प्लेटफॉर्म बनता जा रहा है।

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