डायबिटीज के मरीजों के लिए व्रत-उपवास करना आसान काम नहीं

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डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए। वहीं डायबिटीज के मरीजों के लिए व्रत-उपवास करना भी आसान काम नहीं होता है। क्योंकि इन लोगों की डाइट में बदलाव होने पर या फिर लंबे समय तक भूखा रहने पर परेशानी बढऩे लगती है। बता दें कि डायबिटीज के मरीज जब लंबे समय तक बिना कुछ खाए-पिए रहते हैं, तो उनका शुगर लेवल कम होने लगता है। जिसे हाइपोग्लाइसीमिया भी कहा जाता है।

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इस स्थिति के पैदा होने पर मरीज के हाथ-पैर कांपने लगते हैं, धड़कन तेज हो जाती है और कमजोरी महसूस होने लगती है। हांलाकि ऐसा तब होता है, जब डायबिटीज के मरीज इंसुलिन नहीं लेते हैं और अधिक मीठा व तला-भुना खाते हैं। ऐसे में अगर आप भी डाटबिटीज के मरीज हैं और व्रत-उपवास करना चाहते हैं। तो ऐसे लोगों को इन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।

डायबिटीज के मरीजों को व्रत रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए कि वह व्रत कर सकते हैं और किस तरह से आप फास्ट रख सकते हैं।

इसके अलावा व्रत में बाजार में मिलने वाले फलाहार जैसे नमकीन, चिप्स और अन्य चीजों के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि इन सामानों में नमक व शुगर की मात्रा ज्यादा हो सकती है।

अगर आपको डायबिटीज के साथ ही ब्लड प्रेशर की बीमारी भी है, तो व्रत में बिना नमक के सेवन के नहीं रहना चाहिए।

व्रत के दौरान अधिक से अधिक फलों का सेवन करें। इसके अलावा ड्राईफ्रूट्स जैसे बादाम, अखरोट, मखाने आदि को रोस्ट कर इनका सेवन करें।

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शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए दिन भर पानी या अन्य पेय पदार्थों जैसे नींबू पानी, छाछ और नारियल पानी का सेवन करते रहें।

डायबिटीज के मरीज उपवास वाले दिन समय-समय पर अपना शुगर लेवल चेक करते रहें। शुगर कम या ज्यादा होने की स्थिति में इसको बैलेंस करने का प्रयास करें।