मां और भाई ने किया गर्भवती बेटी को आग के हवाले, जांच में जुटी पुलिस

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kabaadi chacha

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां एक गर्भवती होने का पता चलने पर युवती की मां और उसके भाई ने उसे कथित तौर पर आग लगा दी।यह घटना नवादा खुर्द गांव में गुरुवार रात की है। पीड़ित युवती का शरीर 70 फीसदी से अधिक जल चुका है। उसकी हालत गंभीर है, उसे इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है। पुलिस ने महिला की मां और भाई को हिरासत में ले लिया है।

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पुलिस के मुताबित, युवती, जो अविवाहित है, उसनेे उसी गांव के एक युवक के साथ शारीरिक संबंध बनाए और गर्भवती हो गई। जब इस बात उसके परिवार वालों को पता चली तो वे परेशान हो गए। गुरुवार को महिला की मां और भाई उसे पास के जंगल में ले गए जहां उन्होंने उस पर पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी। पीड़िता गंभीर रूप से झुलस गई और उसे अस्पताल ले जाया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (हापुड़) राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि मामले की जांच जारी है

ये भी बता दें कि इस मामले में डॉक्टरों को भी बुलानी पड़ी ऊना जहां एक गर्भवती महिला को पीजीआई चंडीगढ़ रैफर करने और चंडीगढ़ में चिकित्सकों द्वारा केस न लेने को लेकर क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में हंगामा हो गया। वीरवार को महिला क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास आ पहुंची और उसने चिकित्सक पर उसको अकारण रैफर करने के आरोप लगाए। विशेषज्ञ चिकित्सक ने उन्हें सही कारण से रैफर करने की बात कही,

जिसके बाद गर्भवती महिला संतुष्ट नहीं हुई और हंगामा शुरू हो गया। चिकित्सक द्वारा पुलिस को बुलाया गया और काफी देर तक गहमागहमी होती रही। बाद में महिला ने क्षेत्रीय अस्पताल में उपचार करवाने से इंकार कर दिया और अधिकारियों के समझाने के बाद मामला हल हुआ।

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सूरी निवासी सपना देवी (21) का आरोप था कि वह क्षेत्रीय अस्पताल ऊना पहुंची थी और चैकअप करवाने के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास गई। विशेषज्ञ चिकित्सक ने उसे बताया कि खून 6 ग्राम है जिसके चलते यहां प्रसूति करवाने में समस्या आ सकती है, जिसके चलते उसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया। वह पीजीआई गई और वहां के चिकित्सकों ने उन्हें एडमिट नहीं किया।

वही क्षेत्रीय अस्पताल ऊना की स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक का कहना है कि महिला की प्रसूति में जटिलताएं थीं जिसके चलते उसे पीजीआई रैफर किया गया था। महिला से पीजीआई के चिकित्सकों की स्लिप मांगी गई थी लेकिन वह उसके पास नहीं थी। प्रसूति संबंधित समस्याओं और महिला के स्वास्थ्य को देखते हुए ही उसे रैफर किया गया था। सभी मरीजों को सही उपचार दिया जाना उनकी प्राथमिकता है। वहीं एमएस डाॅ. विकास चौहान ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्षों से बात की गई थी जिसके बाद मामला हल कर लिया गया है।

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