हिन्दू धर्म के अनुसार; दिपावली पर क्यों बही खाता की पूजा की जाती है…जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

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बही-खाते की जिस पूजा से खूब फलता-फूलता
बही-खाते की जिस पूजा से खूब फलता-फूलता

दिपावली को हिन्दू धर्म का मुख्य त्योहारों में से एक माना जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल दिवाली 12 नवंबर, दिन रविवार को पड़ रहा है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम, देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे. यह भी माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन घर में धन की देवी माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधान है. हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए दीपावली के दिन बही खाता की पूजा की परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन बही-खाता की पूजा करने पर पूरे साल धन की आवक बनी रहती है. बही-खाता की पूजा करने पर पूरे साल धन की आवक बनी रहती है. इस साल कब होगी बही-खाता की पूजा और क्या है इसकीीपूजा का शुभ मुहूर्त, जानने के लिए पढ़ें ये खबर .

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बही खाता की पूजा का शुभ मुहूर्त

देश की जानी-मानी ज्योतिषविद् अंशु पारीक के अनुसार इस दीपावली का पर्व 12 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा और इस दिन चंद्रमा पूरे दिन चर राशि तुला में संचरण करेंगे, जो कि बही खाते की पूजा के लिए उत्तम समय है। अंशु पारीक के अनुसार दिवाली के दिन 01:53 बजे से दोपहर 02:36 बजे तक विजय मुहूर्त व आयुष्मान योग में बही खाते को पूजन करना अत्यंत शुभ रहेगा। गौरतलब है कि दिवाली के दिन व्यवसायी न सिर्फ बही खाते की पूजा करते हैं बल्कि इस दिन वे अपने पुराने बही-खाते को हटाकर नया बही-खाता प्रारंंभ करते हैं।

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कैसे करें बही खाता की पूजा

दीपावली के दिन शुभ एवं लाभ की प्राप्ति के लिए व्यापारियों को हमेशा शुभ मुहूर्त में ही बही-खाते की पूजा करनी चाहिए। इस दिन पूजा करने के लिए नये बही खाता लें और उस पर केसर, चंदन या रोली से स्वास्तिक बनाएं और उसमें शुभ और लाभ लिखें। इसके बाद बही खाते के पहले पन्ने पर ‘श्री गणेशाय नम:’ लिखें। इसके बाद बही खाते की पूजा खड़ी हल्दी हल्दी, रोली, अक्षत, कमलगट्टे, दूर्वा, धनिया आदि से करें। बही की पूजा करते समय न सिर्फ धन की देवी बल्कि मां सरस्वती की भी पूजा फल, फूल, धूप, दीप, मिठाई आदि का भोग लगाकर करें। पूजा के अंत में विधि-विधान से आरती करें तथा अगले दिन पूजा में प्रयोग की गई खड़ी हल्दी, अक्षत, कमलगट्टे आदि को एक लाल रंग की पोटली में रखकर अपने धन स्थान में रखें।