आतंकी से रचाई शादी, अब ब्रिटेन लौटना चाहती है शमीमा बेगम

298
25 10 15
25 10 15

 ब्रिटेन से 15 साल की उम्र में शमीमा बेगम सीरिया चली गई थी और आईएसआईएस में शामिल हो गई थी। अब वह ब्रिटेन वापस जाना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट पहले भी उसकी अर्जी खारिज कर चुका है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

ब्रिटेन से भागकर सीरिया जाने वाली और ISIS में शामिल होने वाली शमीमा  बेगम लंबे समय से यूके वापस जाने की कोशिश कर रही है। हालांकि उसे कई बार ब्रिटेन की अदालत से झटका लग चुका है। अब एक बार ‘आतंकी दुल्हनिया’ के नाम से मशहूर बांग्लादेश मूल की शमीमा बेगम ने ब्रिटेन की अदालत के सामने अपील की है कि उसे नागरिकता वापस दी जाए। शमीमा का कहना है कि वह सीरिया अपनी मर्जी से नहीं गई थी बल्कि ट्रैफिकिंग का शिकार हुई थी।

ब्रिटेन की सरकार ने साल 2019 में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शमीमा बेगम की नागरिकता ले ली थी। पता चला था कि वह सीरिया के एक डिटेंशन कैंप में रह रही है। इसके बाद बेगम ने सबसे पहले स्पेशल इमिग्रेशन अपील कमीशन के पास शिकायत। हालांकि एसआईएसी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए शमीमा की नागरिकता वापस लेने को सही ठहराया। इसके बाद शमीमा ने यूके के सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी।

SIAC ने यह भी माना था कि शमीमा के दावे से इनकार नहीं किया जा सकता कि उसे ट्रैफिकिंग के जरिए सीरिया ले जाया गाय था। उसे लंदन से सीरिया तुर्की के रास्ते से ले जाया गया और यूके के प्रशासन को इसका पता तक नहीं चला। इसी बुनियाद  पर शमीमा के वकील ने मंगलवार को फिर से ब्रिटेन सरकार के फैसले को चुनौती दी है। वकील ने लंदन के कोर्ट में कहा कि ब्रिटेन सरकार की ड्यूटी है कि वह पता लगवाए कि आखिर उसकी कोई नागरिक सीरिया कैसे पहुंची। इस तरह से नागरिकता खत्म करके यूके के प्रशासन को विचार करना चाहिए कि यह कैसे संभव हुआ।

छत्तीसगढ़ को केंद्र शासित, संविदा सरकार के तौर पर रिमोट से चलाने से विष्णुदेव सरकार के मंत्री भी व्यथित

वहीं ब्रिटेन सरकार के वकील ने कहा कि यह फैसला देश और यहां के लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इतने समय तक आतंकियों के पास रहने के बाद यहां वापस आने पर भी खतरा पैदा हो सकता है। उसका इस्तेमाल जासूसी के लिए भी किया जा सकता है। बता दें कि ब्रिटेन में शमीमा बेगम का मामला चर्चा का विषय है। इस मामले में भी दो धड़े बने हुए हैं। एक का कहना है कि शमीमा जानबूझकर आईएसआईएस में शामिल होने के लिए सीरिया गई थी तो वहीं दूसरे धड़े का मानना है कि वह चाइल्ड ट्रैफिकिंग का शिकार हुई थी।

शमीमा 2015 में सीरिया गई थी। उस वक्त शमीमा की उम्र 15 साल थी। उसके साथ दो स्कूल की दोस्त भी थी जिन्होंने बाद में आईएस के लड़ाकों से शादी कर ली। शमीमा ने तीन बच्चों को जन्म दिया जो कि बच नहीं पाए। अब शमीमा 24 साल की है और सीरिया के रीज कैंप में रहती हैं। यहां हजारों विदेशी महिलाएं और बच्चे रहते हैं। कनाडा, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने सीरिया के कैंप से कई महिलाओं को निकालकर उनकी नागरिकता लौटाई है।