विधानसभा में उठा सुपेबेड़ा का मामला , मंत्री के जवाब न मिलने से असंतुष्ट विधायकों ने किया बहिर्गमन

69

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर बृजमोहन अग्रवाल वं नारायण चंदेल ने आज सुपरबेड़ा में किडनी के बीमारी से लगातार आदिवासियों की हो रही मौत व शासन के मंत्रियों द्वारा घोषणा के 2 साल बाद भी वहां पर जल आवर्धन योजना चालू नहीं होने का मामला ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से विधानसभा में उठाया भाजपा विधायकों के तीखे सवालों के बीच लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायकों ने सदन से निर्गमन कर दिया।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

सर्वश्री अजय चंद्राकर,बृजमोहन अग्रवाल, नारायण चंदेल, ने कहा कि
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला, विकासखंड देवभोग अंतर्गत ग्राम सुबेडा आज राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित है, इस गांव में आज भी ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर है, जिसके कारण ग्रामीण लोग किडनी संबंधित बीमारी से प्रभावित हैं, ग्रामीणों की दूषित पानी पोने के कारण किडनी की बीमारी से मौते हो रही हैं, अब तक लगभग 75 लोगों की मौत हो चुकी है तथा मौत का सिलसिला अब भी जारी है। जल आवर्धन योजना के तहत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना बनायी गयी । यहां तक की मान. मुख्यमंत्री जी द स्वास्थ्य मंत्री जी भी द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की घोषणा की गयो तथा रेडियों प्रसारण के माध्यम से सुपैवेडा के ग्रामीणों को जल आवर्धन योजना प्रारंभ होने बधाई तक दे चुके है।

किन्तु अभी तक जल आवर्धन योजना की कार्य ग्राम सुपेबेड़ा में शुरुआत नहीं की गयी, अभी तक स्वीकृति ही नहीं हुयी है, स्वीकृति के लिए एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर कागजी तौर पर घूम रही है, ग्रामीण लोग जिसमें कुछ किडनी से पीड़ित भी हैं, वे सरकारी अधिकारीयों/कर्मचारियों के कार्यालयों में स्वीकृति के लिये ठोकरे खा रहे है । याम सुपेदेड़ा में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के नाम पर जल आवर्धन योजना के विज्ञापन में लाखों रुपया खर्च र फोटो के साथ बड़े-बड़े बेनर, होर्डिंग, पोस्टर हर चौक चौराहे पर चिपकाये गये हैं, लेकिन धरातल कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया है ।

गठिया और मधुमेह के इलाज में उपयोगी है मेथी

ग्राम सुपेबेड़ा के लोग इच्छा मृत्यु मांगने तक को मजबूर हो चुके हैं, इसके अलावा आस-पास के अन्य गांवों में भी जल आवर्धन योजना के तहत शुद्ध पेयजल प्रदाय करना है, किन्तु उन गांवों में भी अब तक ना तो स्वीकृति मिली ना ही कोई कार्य योजना बनायी गयी है, वहां के लोग भी शुद्ध पेयजल देने की गुहार लगा रहे है।
मंत्री के जवाब के बाद चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा विधायकों ने प्रश्न खड़ा कर दिया की स्वास्थ्य मंत्री दूषित व खराब पानी को किडनी की बीमारी हुआ मौत का कारण बता रहे हैं और पीएचई मंत्री बीमारी व मौत के लिए पानी को जिम्मेदार नहीं मार रहे हैं आखिर दोनों मंत्रियों में सत्य कौन बोल रहा है
विधायकों ने मंत्री के जवाब पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि फरवरी 2019 में घोषणा की गई और फरवरी 2021 तक योजना की स्वीकृति नहीं हुई है काम चालू नहीं हुआ है पर सरकार वह उनके मंत्री मुख्यमंत्री वहां के लोगों को काम पूरे होने की बधाई दे रहे हैं होल्डिंग लगवा रहे हैं बैनर एवं पोस्टर लगवा रहे हैं और वहां पर आवर्धन योजना प्रारंभ होने का ढिंढोरा पीट रहे हैं 2 साल में सरकार टेंडर प्रक्रिया तक पूरी नहीं कर पाई है विधायकों के जवाब पर मंत्री यह नहीं बता पाए की जल आवर्धन का काम कब चालू होगा और कब तक पूरा हो जाएगा

बृजमोहन अग्रवाल ने 2 सालों के बाद भी पेयजल योजना में काम शुरू नहीं होने और किडनी के बीमारी से आदिवासियों की मौत को लेकर सरकार के जवाब नहीं आने व सरकार द्वारा आदिवासियों के जीवन की रक्षा नहीं कर पाने का आरोप लगाते हुए इसके विरोध में सदन से विधायकों ने बहिर्गमन किया ।।