विष्णुदेव साय सरकार के कैबिनेट का हुआ विस्तार, विधायक ओपी चौधरी, श्याम बिहारी जयसवाल को मिला मंत्रीमंडल में स्थान.

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विष्णुदेव साय सरकार के कैबिनेट का हुआ विस्तार, विधायक ओपी चौधरी, श्याम बिहारी जयसवाल को मिला मंत्रीमंडल में स्थान.
विष्णुदेव साय सरकार के कैबिनेट का हुआ विस्तार, विधायक ओपी चौधरी, श्याम बिहारी जयसवाल को मिला मंत्रीमंडल में स्थान.

रायपुर | छत्तीसगढ़ में आज विष्णुदेव साय की सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ है. राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के 9 नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई. विधायक श्याम बिहारी जायसवाल को विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में जगह मिली है. जनपद सदस्य के रूप में राजनीति की शुरूआत करने वाले श्याम बिहारी जायसवाल मनेंद्रगढ़ विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने हैं. वहीं आईएएस की नौकरी छोड़ राजनीति का दामन थामने वाले ओपी चौधरी ने रायगढ़ विधानसभा सीट जीत हासिंल की है. उन्हें भी कैबिनेट में मंत्री पद दिया गया है.

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श्याम बिहारी जायसवाल का राजनीतिक सफर

श्याम बिहारी जायसवाल ने एमएससी रसायन शास्त्र विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन तक की शिक्षा हासिल की है। पेशे से उनका व्यवसाय राईस मिलर हैं। श्याम बिहारी जायसवाल 2010 से 2013 तक उपाध्यक्ष जनपद पंचायत व सदस्य जिला पंचायत रहें। 2013 में पहली बार मनेंद्रगढ़ विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी गुलाब सिंह को चुनाव हराया था। उन्हें 32613 वोट मिले थे। जबकि गुलाब सिंह को 28435 वोट मिले थे। 2014-15 में वे सभापति पटल पर रखे गए पत्रों का परीक्षण करने संबंधी समिति, सदस्य सामान्य प्रयोजन समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहें हैं।

मनेंद्रगढ़ विधानसभा में कुल 100654 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भाजपा के प्रत्याशी श्याम बिहारी जायसवाल को 48503 वोट मिले। कांग्रेस के रमेश सिंह को 36623 वोट मिले तीसरा स्थान गोंगपा से शेख इस्माइल का रहा उन्हें 10411 वोट मिले। नोट को 1308 कुल मिले इस विधानसभा में कुल 9 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे।

इस बार उन्होंने एमसीबी के मनेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के डा विनय जायसवाल को पराजित कर पिछली हार का बदला भी लिया है। अविभाजित कोरिया जिले में भाजपा के बड़े चेहरे के रूप में स्थापित श्याम बिहारी जायसवाल विपक्ष के समय भी पांच वर्षों तक भाजपा संगठन से जुड़कर कार्य करते रहे।

ओपी चौधरी राजनीतिक सफर

2005 बैच के आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी केवल 22 साल में सिविल सर्विसेस के लिए चुन लिए गए थे. 36 साल की उम्र में 2018 में रायपुर कलेक्टर रहते हुए नौकरी छोड़ी थी. उसी साल भाजपा में प्रवेश कर खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 

ओपी चौधरी की शिक्षा

ओपी चौधरी ने अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा अपने पैतृक गांव ब्यांग से ही पूरी की. खपरैल के स्कूल में ओपी चौधरी ने पढ़ाई की. इसके बाद हायर सेकेंडरी की शिक्षा में पर्याप्त शिक्षक नहीं होने से ओपी चौधरी ने स्वयं ही अपनी पढ़ाई पूरी की. स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने भिलाई से बीएससी की. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से गणित, भौतिकी और इलेक्ट्रानिक्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए. पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में उनका चयन हुआ.

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