Electoral Bonds – सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बाँन्डस को लेकर की सुनवाई, कोर्ट ने कहा – पार्टियों को मिलने वाली फंडिंग जानना वोटर्स का हक

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इलेक्टोरल बाँन्डस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को एक याचिका पर सुनवाई की ह
इलेक्टोरल बाँन्डस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को एक याचिका पर सुनवाई की ह

Voters’ right to know the funding received by parties – पार्टियों को मिलने वाली फंडिंग जानना वोटर्स का हक.

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Supreme Court Verdict on electoral Bonds :- इलेक्टोरल बाँन्डस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को एक याचिका पर सुनवाई की है. कोर्ट ने इस स्कीम को असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने इसे सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का उल्लंघन बताया है. कोर्ट ने कहा कि पार्टियों को मिलने वाली फंडिंग जानना वोटर्स का हक है. हालांकि इलेक्टोरल बाँन्ड्स को लेकर जो गोपनीयता की शर्तें है, उसके तहत वोटर्स को इसकी जानकारी नहीं मिल रही. इसलिए यह असंवैधानिक है. 

इलेक्टोरल बॉन्ड्स से जुड़ी जानकारियां पब्लिक होंगी

सुप्रीम कोर्ट की सीजेआई की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीदने वालों की पूरी लिस्ट सार्वजनिक की जाए. एसबीआई को निर्देश दिया कि वह 12 अप्रैल 2019 के बाद से अब तक जितने भी बॉन्ड्स खरीदे गए हैं. उसकी जानकारी चुनाव आयोग को दे. चुनाव आयोग को यह सारी जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया है.

इलेक्टोरल बॉन्ड्स पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वालाी 5 जजों की बेंच ने सुनवाई की थी। बेंच ने तीन दिनों तक लगातार सरकार और याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनीं थी और इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाकर्ताओं ने चुनावी बॉन्ड स्कीम के अनुच्छेद 19 (1) की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया गया था। इसे सूचना के अधिकार का उल्लंघन करने वाला बताया था। 

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