निमोनिया के लक्षण दिखें तो इन घरेलु चीजों का करें सेवन…

192
Health tips
Health tips

निमोनिया एक प्रकार का संक्रमण है जो सीधा फेफड़ों को प्रभावित करता है। वहीं यह बच्चे, बुजुर्ग एवं कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को अपनी चपेट में जल्दी ले लेता है। इसीलिए इसके प्रति सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। तो चलिए जानते हैं, इस समस्या के बारे में

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

निमोनिया का आयुर्वेदिक इलाज

आयुर्वेद में निमोनिया के इलाज के लिए दो क्रियाओं का वर्णन मिलता है। जिसमें लंघन और वमन शामिल हैं। शरीर से खतरनाक टॉक्सिन (अमा) निकालने के लिए लंघन सबसे पहला आयुर्वेदिक इलाज है, जिसमें आपको उपवास रखना होता है। दूसरा इलाज वमन आयुर्वेद के पंचकर्मों में से एक है। जो कि कफ और पित्त से विषाक्त पदार्थ निकालता है और छाती व नाडी से अमा निकाल देता है। खांसी, बुखार, अस्थमा, फेफड़ों के रोगों में वमन काफी फायदेमंद होता है।

हल्दी भी है फायदेमंद

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2020 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार हल्दी में करक्यूमिन नामक कंपाउंड मौजूद होता हैं। इसके साथ ही इसकी एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबॉयल और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी शरीर को निमोनिया के लक्षणों से लड़ने में मदद करती है। इसके साथ ही यह दर्द से भी राहत दिलाता है। इसलिए इसे निमोनिया में होने वाले सीने के दर्द से राहत पाने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।

आंवला

में इम्युनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं। यह फल एनीमिया, अस्थमा, डायबिटीज, जुकाम और लंबे समय से चल रही फेफड़ों की बीमारी से बचाता है।

कुटज

में एस्ट्रिंजेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जिसका इस्तेमाल ज्यादातर डायरिया और निमोनिया के इलाज में किया जाता है।

निल शुक्राणुओं को बढ़ाने के लिए करें इन चीजों का इस्तेमाल 

गिलोय

एक जानी-मानी आयुर्वेदिक औषधि है, जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। इसके एंटी-इंफ्लामेटरी गुण निमोनिया को खत्म कर देते हैं।

वासा

को आयुर्वेद में अस्थमा, फ्ल, कफ और श्वसन तंत्र के रोगों के इलाज में महत्वपूर्ण बताया गया है।

लहसुन – लहसुन अपने एंटी-बैक्टिरीयल और एंटी-माइक्रोबल गुणों की वजह से इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा, यह इम्यूनिटी भी मजबूत करता है।

पानी – पानी की कमी की वजह से सांस की नली में मौजूद म्यूकस की परत मोटी हो जाती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसलिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं।

ड्राई फ्रूट्स – ड्राई फ्रूट्स में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं, जो निमोनिया की वजह से होने वाली फेफड़ों की सूजन को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इसके अलावा,
यह डैमेज हुए टीशूज की जगह नए टीशू बनाने में मददगार होते हैं।

 

IMG 20240420 WA0009