नई दिल्ली | आज साल का अंतिम दिवस है. इस साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण मामलों पर ऐतिहासिक फैसला सुना हैं. जिसमें इस साल धारा 370,. जल्लीकट्ट पर प्रतिबंध, समलैंगिक विवाह, दिल्ली में सरकार बनाम उपराज्यपाल, नोटबंदी और मेला, जैसे कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले सुनाए हैं. इस साल कोर्ट ने कुल 52,191 मामले का निपटारा किया है. जो कि बीते 6 सालों में सबसे ज्यादा हैं. आइए इस साल के सुप्रीम कोर्ट के कुछ अहम फैसलों पर नजर डालते हैं.
धारा 370 हटाया गया
11 दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने के फैसले को सही ठहराया. इस मामले पर 23 याचिका दायर की गई थी. जिस पर 5 जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेशित किया कि सितम्बर 2024 तक राज्य में चुनाव करवाए. वहीं बता दे कि जम्मू कश्मीर को बिशेष राज्य का दर्जा देने के लिए साल 1954 में धारा 370 लागू की गई थी.
दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल विवाद
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया. इससे पहले यह अधिकार उपराज्यपाल को था. कोर्ट ने यह भी कहा कि उप राज्यपाल सरकार की सलाह पर काम करेंगे. हालांकि इस बारे में केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई और यह अधिकार वापस उपराज्यपाल को दे दिया गया.
नोटबंदी के फैसले को बताया सही
2016 में हुई नोटबंदी के खिलाफ कुल 58 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की पीठ ने सुनवाई की. पीठ ने 4:1 के फैसले से नोटबंदी को सही ठहराते हुए कहा कि प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. और आर्थिक फैसले को नहीं पलटा जा सकता. कोर्ट ने कहा सरकार की नियत और नीति ठीक थी.
कोर्ट ने कौन कौन से दिए महत्वपूर्ण फैसले
कोर्ट ने हजारों साल पुरानी जल्लीकट्टू पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने इस संबंध में राज्यों की ओर से कानून में किए संशोधन को वैध ठहराया. इसके अलावा चुनाव आयोग की नियुक्ति केंद्र जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशकों का कार्यकाल, आमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चे को मृत माता-पिता की संपत्ति में हिस्सा देने और सम्मान से मरने का अधिकार जैसे कई मुद्दों पर फैसला सुनाया.