रायपुर। निदेशक अतुल सिंह ने कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम्” भारत की भावना रही हैं, योग दिवस के 9वें संस्करण के मौके पर आइए हम वैश्विक शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने में योग की भूमिका को भी स्वीकार करें। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि आज ही नहीं बल्कि हर दिन योग को अपने जीवन में शामिल करें। हर दिन योग करके आप खुद को फीट रखने के साथ स्वस्थ भी रह सकेंगे। नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से व्यक्ति अपने और अपने आस-पास की दुनिया के साथ एक गहरा संबंध विकसित कर सकता है, जिससे एक अधिक पूर्ण और सार्थक जीवन की ओर अग्रसर होता है। योग केवल एक व्यायाम नहीं है, बल्कि जीवन का एक तरीका है जो समग्र स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है “योग: कर्मसु कौशलम” अर्थात योग से कर्मों में कुशलता आती हैं।
योगा ट्रेनर ने कहा कि शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए योग एक बहुत ही पारंपरिक माध्यम है। प्राणायाम से लेकर सूर्य नमस्कार और विभिन्न आसनों के जरिए हमारे शरीर के सारे अंगों का व्यायाम हो जाता है। योग में हमारे श्वास की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नियमित अभ्यास से इसे नियंत्रित करना जरूरी है। योगासन करते समय कभी भी मुंह से सांस ना लें।
शवासन पर बोलते हुए योगा ट्रेनर ने कहा कि महज पांच मिनट का शवासन शरीर को रिलैक्स और रिचार्ज करता है, तनाव को दूर करने के लिए भी शवासन का अभ्यास कर सकते हैं। शवासन के अभ्यास से शरीर रिलैक्स महसूस होने लगता है। हालांकि इस योगासन को सही तरीके से किया जाना जरूरी है। अक्सर लोग शवासन करते समय छोटी छोटी गलतियां करते हैं, जो उनके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है।