हम डाइट पर हैं तो क्या चॉक्लेट खाना सही है क्या इसे खाने से हमारे वज़न बढ़ सकता है या इससे हमें वज़न कम करने में मदद मिल सकती है? यदि आपके मन में भी चॉक्लेट खाने से पहले ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं तो क्या ऐसा करना सही है? चलिये पता करते हैं और साथ ही, यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि एक दिन में कितनी चॉक्लेट खाना सही है?
हार्ट हेल्थ सुधारे
डार्क चॉकलेट को ब्लड प्रेशर कम करने, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने और ब्लड फ्लो में सुधार करने के लिए जानी जाती है। ये कारक स्वस्थ हृदय में योगदान करते हैं और हृदय रोगों के विकास के जोखिम को कम करते हैं।
त्वचा की हेल्थ सुधारे
डार्क चॉकलेट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को यूवी क्षति से बचाने, डिहाइड्रेशन से बचने और कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके परिणामस्वरूप स्वस्थ, ग्लोइंग त्वचा मिल सकती है और उम्र बढ़ने के लक्षण कम हो सकते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
डार्क चॉकलेट एंटीऑक्सिडेंट्स, विशेष रूप से फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होती है जो शरीर में मुक्त कणों से लड़ने और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करती है। इससे हार्ट प्रॉब्लम्स और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है।
वेट मैनेजमेंट
डार्क चॉकलेट में कैलोरी तो अधिक होती है लेकिन इसमें फाइबर भी काफी अधिक होता है। अगर कोई इसका सेवन करता है तो फाइबर के कारण उसे कम भूख लगती है और अनहेल्दी स्नैकिंग की लत नहीं रहती।
मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि
डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवोनोइड्स मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में सुधार करते हैं, जो स्मृति, एकाग्रता और समग्र मस्तिष्क प्रदर्शन जैसे कामों को बढ़ावा देता है।
मूड बूस्ट करे
डार्क चॉकलेट में ऐसे कंपाउंड होते हैं जो मस्तिष्क में एंडोर्फिन को रिलीज करते हैं जिससे खुशी और अच्छी भावनाएं पैदा होती हैं। इसमें सेरोटोनिन भी होता है, जो प्राकृतिक डिप्रेशनरोधी के रूप में काम करता है।
तनाव कम करना
डार्क चॉकलेट के सेवन को शरीर में कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन में कमी आती है। इससे तनाव कम करने और रिलेक्स वाली फीलिंग बढ़ती है।