Raipur : वकील बना क्लाइंट का कातिल: 30 लाख के लिए पत्नी संग मिलकर की नृशंस हत्या, सीमेंट में लपेटकर शव फेंका, दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार

Raipur : रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक वकील ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपने ही क्लाइंट की बेरहमी से हत्या कर दी। वजह थी महज़ 30 लाख रुपये का विवाद। इस शातिर दंपत्ति ने हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए शव को सीमेंट में लपेटकर एक सूटकेस में बंद किया और फिर उसे एक टिन के बक्से में डालकर सुनसान इलाके में फेंक दिया। लेकिन कानून के लंबे हाथों से वे बच नहीं सके और रायपुर पुलिस की मुस्तैदी ने उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर उड़ान के उतरते ही धर दबोचा।

 

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सड़क किनारे मिले बक्से ने खोला राज

मामले का खुलासा 23 जून को हुआ, जब डी.डी. नगर थाना क्षेत्र के वंडरलैंड वाटर पार्क के पीछे एक नाले के पास सड़क किनारे एक लावारिस टिन का बक्सा मिला, जिससे तेज़ दुर्गंध आ रही थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब बक्से को खोला तो उनके होश उड़ गए। बक्से के अंदर एक लाल रंग का सूटकेस था, जिसमें एक पुरुष की लाश थी। मृतक के दोनों पैर बंधे हुए थे और शव के ऊपर सीमेंट डाला गया था ताकि पहचान छिपाई जा सके और शव जल्दी न गले। पहली नज़र में ही यह एक सोची-समझी और क्रूर हत्या का मामला लग रहा था।

पुलिस की 5 टीमों ने शुरू की जांच, सीसीटीवी और ऑनलाइन पेमेंट बने सुराग

शहर में हुए इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने 5 विशेष टीमों का गठन किया। जांच की पहली कड़ी बनी सीसीटीवी फुटेज। पुलिस ने पाया कि एक ऑल्टो कार में तीन पुरुष और एक महिला एक बड़ा बक्सा रखकर ले जा रहे थे। कार के नंबर से उसके मालिक का पता चला, जिसने बताया कि उसने यह कार एक महीने पहले अंकित उपाध्याय नाम के व्यक्ति को बेची थी।

दूसरी ओर, पुलिस ने टिन के बक्से की जांच की तो पता चला कि इसे गोलबाजार की शब्बीर स्टील ट्रंक फैक्ट्री से खरीदा गया था। दुकानदार हब्बू भाई ने बताया कि 22 जून को एक पुरुष और एक महिला ने यह बक्सा खरीदा था और इसका भुगतान ऑनलाइन किया था। यहीं से पुलिस को सबसे बड़ा सुराग मिला। ऑनलाइन पेमेंट की रसीद से खाताधारक शिवानी शर्मा का पता चला।

इन दोनों सुरागों को जोड़ते हुए पुलिस ने उस ऑटो चालक को भी ढूंढ निकाला, जिसने यह बक्सा डिलीवर किया था। ऑटो चालक ने बताया कि उसने बक्सा इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के मकान नंबर डी/321 में छोड़ा था। जब पुलिस ने मकान मालिक से पूछताछ की तो पता चला कि यह मकान एक सप्ताह पहले ही अंकित उपाध्याय और शिवानी शर्मा ने किराए पर लिया था।

दिल्ली एयरपोर्ट पर फिल्मी अंदाज़ में गिरफ्तारी

सारे सबूत अंकित और शिवानी की ओर इशारा कर रहे थे, जो रिश्ते में पति-पत्नी थे। पुलिस जब तक उनके घर पहुंचती, वे फरार हो चुके थे। तकनीकी जांच से पता चला कि दोनों 23 जून की रात 9:40 बजे की फ्लाइट से दिल्ली भाग गए हैं। रायपुर पुलिस ने बिना देर किए दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों से संपर्क साधा और आरोपियों की जानकारी साझा की। जैसे ही फ्लाइट दिल्ली में लैंड हुई, एयरपोर्ट पर मुस्तैद सुरक्षाकर्मियों ने अंकित और शिवानी को हिरासत में ले लिया। रायपुर से एक विशेष टीम तुरंत दिल्ली रवाना हुई और दोनों को रायपुर ले आई।

30 लाख का लालच और हत्या की खौफनाक साज़िश

पूछताछ में आरोपी वकील अंकित उपाध्याय ने जो कहानी बताई, वह भरोसे के कत्ल की एक खौफनाक दास्तां है। मृतक की पहचान किशोर पैकरा (58 वर्ष) के रूप में हुई, जो अंकित का क्लाइंट था। किशोर ने अपना एक मकान 50 लाख में बेचा था, लेकिन कब्ज़ा नहीं दिया था, जिसका केस अंकित लड़ रहा था। इसी दौरान अंकित ने किशोर का एक और मकान 30 लाख रुपये में बिकवाया और पूरी रकम अपने निजी कामों में खर्च कर ली। किशोर लगातार अपने 30 लाख रुपये वापस मांग रहा था और अंकित को ताने मारता था। रोज-रोज के तानों से तंग आकर अंकित और उसकी पत्नी शिवानी ने किशोर को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।

साजिश का ताना-बाना:

अंकित ने कोरबा के पते पर एक फर्जी आधार कार्ड बनाया। इसी फर्जी आईडी से एक पुरानी ऑल्टो कार खरीदी और हत्या को अंजाम देने के लिए इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में एक मकान किराए पर लिया। अंकित बहाने से किशोर को किराए के मकान में ले गया। वहां पहले से मौजूद उसकी पत्नी शिवानी के साथ मिलकर उसने किशोर की हत्या कर दी। अंकित ने किशोर का गला दबाया, जबकि शिवानी ने उसके पैर पकड़े। बाद में अंकित ने चाकू से भी गले पर वार किया। शव को सूटकेस में डालकर परफ्यूम छिड़का। अगले दिन टिन का बक्सा खरीदकर लाए। शव से बदबू आने पर सीमेंट खरीदकर लाए और शव पर डालकर उसे बक्से में बंद कर दिया। बक्सा भारी होने के कारण वे उसे उठा नहीं पाए, तो उन्होंने अपने दो परिचितों, विनय यदु और सूर्यकांत यदु को मदद के लिए बुलाया। चारों ने मिलकर बक्से को कार में रखा और सुनसान जगह पर फेंक दिया।

चारों आरोपी गिरफ्तार, ये सामान हुए जब्त

पुलिस ने मुख्य आरोपी अंकित उपाध्याय, उसकी पत्नी शिवानी शर्मा और उनके मददगार विनय यदु और सूर्यकांत यदु को गिरफ्तार कर लिया है। उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त ऑल्टो कार, दो दोपहिया वाहन और 5 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। चारों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या, सबूत मिटाने और साजिश का मामला दर्ज किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस सराहनीय कार्य के लिए जांच टीम को नकद इनाम देने की घोषणा की है।

घटना स्थल में फारेंसिक टीम से डॉ. भास्कर बनर्जी, अंगेश कुमार मौर्य, अनंत राम सिदार एवं भरत कुमार छापटे तथा फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट उप पुलिस अधीक्षक श्री अजय साहू द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण एवं साक्ष्य संकलन किया गया। कार्यवाही में निरीक्षक एस.एन.सिंह थाना प्रभारी डी.डी.नगर, एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट से प्रभारी निरीक्षक परेश कुमार पाण्डेय, उपनिरीक्षक मुकेश सोरी, राजेन्द्र सिंह कंवर, सउनि. प्र्रेमराज बारिक, अतुलेश राय, फूलचंद भगत, शंकर लाल ध्रुव, प्र.आर. गुरूदयाल सिंह, उपेन्द्र यादव, अनुप मिश्रा, संतोष दुबे, कृपासिंधु पटेल, सुरेश देशमुख, घनश्याम प्रसाद साहू, म.प्र.आर. बसंती मौर्य, आर. प्रमोद बेहरा, पुरूषोत्तम सिन्हा, प्रशांत शुक्ला, हरजीत ंिसंह, किसलय मिश्रा, अजय चौधरी, महिपाल सिंह, भूपेन्द्र मिश्रा, अविनाश देवांगन, अभिषेक तोमर, अमित वर्मा, नितेश सिंह राजपूत, अविनाश टण्डन तथा थाना डी.डी.नगर से सउनि. अनंत बारिक, प्र.आर. अरूण तिवारी एवं म.आर. सरस्वती वर्मा की महत्वपूर्ण भूमिंका रहीं।

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